चमन के फूल भी तुमको, गुलाब कहते है, एक हम ही नहीं सभी तुम्हे, लाजवाब कहते है. मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे खतम...। ये वो जुल्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं.. कुछ तो शराफत सीख ले ऐ इश्क़ शराब से; बोतल.....
उसकी सारी गलतिया माफ़ हो जाती हैं . दिल से जब वो हँसकर पूछती है बाबू नाराज़ हो क्या -- मौसम की बहार अच्छी हो, फूलों की कलियाँ कच्ची हो, हमारी ये दोस्ती पक्की हो, आपकी हर सुबह अच्छी हो. ---- एक तेरे बगैर ही ना.....
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